आज से लगभग छः दशक पूर्व बालिकाओं के सर्वांगीण विकास एवं उन्नत शिक्षा के अवसर को देखते हुए हापुड़ शहर के गणमान्य एवं प्रबुद्ध नागरिकों ने "कन्या महाविद्यालय" की आवश्यकता का अनुभव किया था।कल्पना को मूर्त रूप देने हेतु नगर के विशिष्ट एवं प्रबुद्ध नागरिकों के सहयोग से प्रारूप तैयार कर सन् 1959 जुलाई माह में महाविद्यालय की स्थापना हुई।। जहां छात्राओं को स्वस्थ एवं सुरक्षित वातावरण में अध्ययन का अवसर प्रदान करने की योजना का विस्तार हुआ। वर्षों पहले जिस शिक्षा के मंदिर का अंकुरण हापुड़ शहर के प्रांगण में हुआ था आज वह प्रबंधतंत्र, प्रशासन द्वारा नियुक्त प्राचार्यों, प्राध्यापिकाओं एवं महाविद्यालय के समस्त कर्मचारीगणों के सहयोग से वट वृक्ष के रूप में परिवर्तित हो चुका है।
कला संकाय के शिक्षण से आरंभ हुई संस्था में संप्रति कॉमर्स विषय में भी पठन-पाठन की व्यवस्था है। छात्राओं के समुचित विकास हेतु महाविद्यालय में एक समृद्ध पुस्तकालय है। बाह्य एवं आंतरिक खेलकूद की सुविधा के साथ छात्राओं द्वारा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परिषद के तत्वावधान में विभिन्न कलाओं के प्रस्तुतीकरण को भी महाविद्यालय प्रोत्साहित करता है।
महाविद्यालय में कई दशकों से चलाई जा रही 'राष्ट्रीय सेवा योजना' के तहत छात्राओं में श्रम, सहयोग, सामुदायिकता की भावना, उच्च नैतिक गुणों तथा राष्ट्रप्रेम को विकसित करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा में सतत् भागीदारी करती छात्राओं की मांग को देखते हुए वर्ष 1986-87 में संस्कृत एवं अंग्रेजी विभाग में स्नातकोत्तर(एम. ए. )की कक्षाएं प्रारंभ हुईं। सन् 2000- 2001 से अर्थशास्त्र एवं शिक्षा शास्त्र में भी स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ हुईं। वर्ष 1995-1996 से स्नातक स्तर पर चित्रकला विषय की भी कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।
विगत वर्षों में 'कौशल विकास' के अंतर्गत विभिन्न विषयों से संबंधित कक्षाएं महाविद्यालय द्वारा संचालित की जाती रही हैं। संप्रति महाविद्यालय में 'योग' की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। पिछले आठ वर्षों से विभिन्न विषयों के अध्ययन हेतु महाविद्यालय में 'इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय' केंद्र भी क्रियान्वित है।
महाविद्यालय को संस्कृत एवं अंग्रेजी विषय में शोधकेंद्र की मान्यता विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त है। प्रबुद्ध प्राध्यापिकाओं के निर्देशन में शोध करने की इच्छुक छात्राएं इस सुविधा का निरंतर लाभ उठा रही हैं।
महाविद्यालय में समय-समय पर खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
Read Moreविद्यालय में प्रवेश लेने के साथ ही अपेक्षित होता है अध्ययन अध्यापन का वातावरण जिसके लिए अनुशासन के निर्देशों का पालन..
Read Moreपुस्तकालय से पुस्तकें प्राप्त करने के लिए हर छात्रा को पुस्तकालय कार्ड दिये जायेंगे | ये कार्ड पुस्तकालय से निश्चित अवधि..
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